सरफरोशी की तमन्ना Sarfaroshi Ki Tamanna Lyrics in Hindi
सरफरोशी की तमन्ना लिरिक्स इन हिन्दी 11 जून सन 1918 को राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म हुआ था, जो शहीद होकर भारत माता का क़र्ज़ चुका गए। बिस्मिल अजीमाबादी द्वारा लिखित प्रसिद्ध देशभक्ति पूर्ण एक गजल है। इनकी ये तम्मना क्रांतिकारियों के लिए मन्त्र बन गयी थी। ये पटना के एक उर्दू कवि थे। बिस्मिल एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ देशभक्त कवि भी थे ! ऐसे क्रांतिकारी को लिरिक्स टी शर्ट शत शत नमन करता है।
Sarfaroshi Ki Tamanna Hindi Lyrics
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत
मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चरचा ग़ैर की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमान
हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है
खैंच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उमीद
आशिकों का आज जमघट कूचा-ए-क़ातिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
है लिए हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर
और हम तैयार हैं सीना लिए अपना इधर
ख़ून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्क़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
हाथ जिन में हो जुनून, कटते नहीं तलवार से
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से
और भड़केगा जो शोला सा हमारे दिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
हम तो घर से निकले ही थे
बाँधकर सर पर कफ़न
जाँ हथेली पर लिए लो बढ चले हैं ये कदम
ज़िंदगी तो अपनी मेहमां मौत की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
यूँ खड़ा मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है
दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्कलाब
होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज
दूर रह पाए जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वो जिस्म भी क्या जिस्म है
जिसमे न हो ख़ून-ए-जुनून
तूफ़ान से क्या लड़े जो कश्ती-ए-साहिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में
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